रुद्रप्रयाग। केदारनाथ धाम की यात्रा के विधिवत संचालन में डंडी-कंडी संचालन कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं। घोड़े-खच्चरों की अनुपस्थिति में डंडी-कंडी संचालक अपना पूर्ण सहयोग दे रहे हैं। इक्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस के चलते पशुपालन विभाग ने घोड़े-खच्चर को आराम का समय दिया तो डंडी-कंडी और पिटठू संचालकों ने मोर्चा संभाल लिया है। बाबा के दर्शनों को पहुंच रहे श्रद्धालुओं को धाम ले जाने से लेकर खाद्य एवं अन्य सामग्री की आपूर्ति यही लोग कर रहे हैं।
डंडी-कंडी और पिटठू संचालक भी यात्रा में महत्वपूर्ण योगदान निभा रहे हैं। इन दिनों इन्होंने यात्रा का मोर्चा संभाला हुआ है। जिला पंचायत रुद्रप्रयाग के अपर मुख्य अधिकारी संजय कुमार ने बताया कि इस वर्ष करीब 7000 डंडी कंडी और पिटठू संचालक केदारनाथ धाम यात्रा के लिए पंजीकृत हैं। जिनका संचालन प्रतिदिन हो रहा है। घोड़े-खच्चरों को आराम मिलने के बाद से इनके माध्यम से ही पैदल यात्रा करने में असमर्थ श्रद्धालु केदारनाथ धाम पहुंच रहे हैं वहीं पैदल यात्रा मार्ग से लेकर धाम तक खाद्य सामग्री सहित अन्य सामग्री भी इन्हीं लोगों की मदद से पहुंचाई जा रही है। प्रतिदिन 1000 से 1200 श्रद्धालु डंडी-कंडी से धाम पहुंच रहे हैं, जबकि लगभग 1000 डंडी- कंडी एवं पिटठू संचालक खाद्य एवं अन्य सामग्री की आपूर्ति में जुटे हुए हैं। इस कठिन समय में जिला पंचायत की निगरानी में डंडी-कंडी संचालक यात्रा प्रबंधन में अहम जिम्मेदारी निभा रहे हैं और सभी का यही कहना है कि यात्रा संचालन में कोई कमी नहीं आने देंगें।