जीवित रहते रक्तदान व मृत्यु पश्चात देहदान सबसे बड़ा पुण्य का काम:राज्यपाल

देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने रविवार को रेसकोर्स में स्वैच्छिक रक्तदान दिवस ‘‘मेगा रक्तदान शिविर का शुभारंभ किया। उन्होंने रक्तदान कर रहे लोगों से भी मुलाकात कर उनका उत्साहवर्धन किया और 117 बार रक्तदान करने वाले ऋषिकेश के राजेन्द्र बिष्ट समेत पचास से अधिक बार रक्तदान करने वाले लोगों व रक्तदान शिविरों में सहयोग करने वाली संस्थाओं को सम्मानित किया। शिविर में एक हजार यूनिट रक्तदान का लक्ष्य रखा गया था।

देवभूमि विकास संस्थान के संरक्षक व पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के अलावा स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत भी रक्तदान शिविर में उपस्थित रहे। शिविर में राज्यपाल ने 50 से अधिक बार रक्तदान करने वाले मनोज शर्मा, सुशील छाबड़ा, अमित, राजेन्द्र रावत, डॉ. पीयूष मौर्य को सम्मानित किया। बतौर मुख्य अतिथि राज्यपाल ने कहा कि रक्तदान मानवता के लिए किया गया सबसे बड़ा दान है। व्यक्ति द्वारा जीवित रहते हुए रक्तदान और मृत्यु के पश्चात देहदान सबसे पुण्य का काम है। रक्तदान से दूसरों की जिंदगी में खुशहाली लाना सबसे बड़ी आत्म संतुष्टि होती है। उन्होंने विश्वास जताया कि इस तरह के कार्यक्रमों से लोगों को रक्तदान के महत्व के साथ ही जागरूक समाज की रचना करने की प्रेरणा मिलेगी। राज्यपाल ने देवभूमि विकास संस्थान के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि संस्थान द्वारा अन्य सामाजिक कार्यों वृक्षारोपण, पर्यावरण संरक्षण, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में हमेशा से महत्वपूर्ण कार्य किए हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री और संस्थान के संरक्षक त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि सेवा के कार्य उन्हें आत्मसंतुष्टि प्रदान करते हैं। उन्होंने बताया कि संस्था ने 03 से 13 सितम्बर तक विभिन्न संस्थाओं के सहयोग से रक्तदान शिविर लगाकर 01 हजार यूनिट रक्त विभिन्न अस्पतालों को उपलब्ध कराया। इन शिविरों में महिलाओं की सहभागिता तो रही लेकिन अधिकांश में खून की कमी (एनीमिया) पाई जा रही है जिस ओर ध्यान दिए जाने की जरूरत है।

कार्यक्रम में विधायक राजपुर रोड खजान दास, विधायक डोईवाला बृजभूषण गैरोला, मेयर देहरादून सुनील उनियाल गामा, अध्यक्ष गुरूद्वारा प्रबंधन कमेटी दलबीर सिंह साहनी, पार्षद देवेन्द्र पाल सिंह मोंटी के अलावा अनेक लोग और रक्तदानकर्ता उपस्थित रहे।

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