हर वर्किंग वुमेन को पॉश एक्ट के बारे में होनी चाहिए जानकारी…हैरेसमेंट की रिपोर्ट करने में होगी आसानी

महिलाओं के साथ वर्क प्लेस पर अक्सर हैरेसमेंट की खबर सामने आती है.इस तरह के मामले सेक्सुअल हैरेसमेंट ऐट वर्क प्लेस यानी काम की जगह पर होने पर यौन शोषण के दायरे में आते हैं.हैरेसमेंट आपका बॉस या कलीग कोई भी हो सकता है.कई बार हैरेसमें का शिकार होने के बावजूद महिलाएं चुप रहती हैं.कुछ को तो ये भी मालूम नहीं होता है कि आखिर शिकायत करनी कहां है. यही वजह है कि महिलाओं को दफ्तरों में सेक्सुअल हैरेसमेंट से सुरक्षित रखने के लिए पॉश यानी के प्रोटेक्शन ऑफ वूमेन फ्रॉम सेक्सुअल हैरेसमेंट एट वर्कप्लेस बनाया गया है.आइए पॉश एक्ट के बारे में विस्तार से जानते हैं.इस आर्टिकल में ये भी जानेंगे कि किस तरह का हैरेसमेंट पॉश एक्ट के तहत आता है…

क्या है पॉश एक्ट
पॉश एक्ट बहुत ही जरूरी स्टेप है जो यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि वर्किंग प्लेस पर महिलाएं सुरक्षित माहौल में काम करें.हर कामकाजी महिलाओं को पॉश एक्ट के बारे में जरूर जानना चाहिए. अब तक कई ऐसी महिलाएं हैं जिन्हें इसके बारे में कोई भी जानकारी नहीं है. दरअसल ये एक्ट भारत में 2013 में काम करने की जगह पर महिलाओं के साथ होने वाले सेक्सुअल हैरेसमेंट को रोकने के लिए बनाया गया था.इस एक्ट के तहत महिलाओं के साथ होने वाले किसी भी तरह के सेक्सुअल हैरेसमेंट की शिकायत की जा सकती है. यह सभी वर्कप्लेस पर होना जरूरी है. इसके बारे में सभी कर्मचारियों को पता होना चाहिए कि आपको वर्कप्लेस में कैसा व्यवहार करना है.अगर कोई भी व्यक्ति किसी के साथ ऑफिस में कोई गलत हरकत करता है तो इस एक्ट के तहत शिकायत की जा सकती है. इस कमेटी के मेंबर में कम से कम 50 फीसदी महिलाओं का होना जरूरी है. इस कमेटी का काम होता है पॉश के अंदर आने वाली सभी तरह की शिकायत की समीक्षा करना और इसके खिलाफ नियमों के हिसाब से कार्यवाही करना.

इतने दिनों में दर्ज होनी चाहिए शिकायत
इस एक्ट के तहत 90 दिनों के इसके लिए ऑफिस में बनी इंटरनल कमेटी या फिर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई जा सकती है कई बार आप ऑफिस में कंप्लेंट कर सकते हैं और मामला गंभीर होता है तो ऑफिस की कमेटी भी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराती है ऑफिस के इंटरनल कमेटी को 10 दिन में अपनी जांच रिपोर्ट कंपनी को देनी होती है और दोषी पाए जाने पर कंपनी आरोपी को सजा देती है.


पॉश के तहत किस तरह का हैरेसमेंट होता है?
*फिजिकल कॉन्टैक्ट या किसी को भी गलत तरीके से छूना, इशारे करना, शारीरिक रूप से असहज महसूस कराना
*किसी भी तरह के सेक्सुअल फेवर मांगना.
*किसी भी तरह का सेक्सुअल रिमार्क करना.
*पोर्नोग्राफी से जुड़े मटेरियल भेजना.

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