मशरूम की खेती व स्पॉन उत्पादन में स्वरोजगार की बेहतर संभावनाएं: प्रो. पंवार

श्रीनगर गढ़वाल। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के ग्रामीण प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा मंगलवार को 6 दिवसीय मशरूम की खेती एवं स्पॉन (बीज) उत्पादन, कौशल एवं क्षमता निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ मशरूम लैब के उदघाटन के साथ किया गया। इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि विवि के वित्त अधिकारी प्रो. एनएस पंवार ने विभागों के प्रयासों की सराहना करते हुए प्रशिक्षण को रोजगार की दृष्टि से अहम बताया। उन्होंने कहा कि मशरूम की खेती एवं स्पॉन उत्पादन के क्षेत्र में रोजगार की कई संभावनाएं हैं। उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों के लिए यह प्रशिक्षण कार्यक्रम महत्वपूर्ण बताया।

  चौरास परिसर स्थित ग्रामीण प्रौद्योगिकी विभाग के अध्यक्ष एवं कार्यक्रम संयोजक प्रो. आरएस नेगी ने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उद्यमिता के क्षेत्र में स्पॉन व मशरूम उत्पादन से स्वरोजगार बढ़ाना है। कहा युवा इस क्षेत्र में जाकर मशरूम से तैयार होने वाले उत्पादों को भी आर्थिकी का जरिया बना सकते हैं। मौके पर प्रो. एनसी नैनवाल ने कहा कि किसानों, छात्रों और बेरोजगार युवाओं के लिए इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम नियमित रूप से संचालित कराए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे प्रशिक्षणार्थियों को मशरूम की खेती और स्पॉन उत्पादन के क्षेत्र में ज्ञान और कौशल को बढ़ावा मिलेगा। इस अवसर पर नितेश रावत ने स्पॉन प्रोडक्शन के लिए गेंहू के उबलने की प्रक्रिया तथा उसके महत्व के बारे में बताया।

  मौके पर डॉ. संतोष सिंह, डा. डीएस चौहान, डा. मुनेश कुमार, डा. जेएस बुटोला, डा. डीके राणा, डा. वीके पुरोहित, शोध छात्र नितेश रावत, अंकित सती, प्रतिभा रावत व नवदीप सिंह आदि मौजूद रहे।

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