डीएसी ने सशस्त्र बलों के लिए 7,800 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को मंजूरी दी

नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में आयोजित रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) की बैठक में लगभग 7,800 करोड़ रुपये के पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों के लिए आवश्यकता की स्वीकृति (एओएन) प्रदान की गई। भारतीय वायु की दक्षता बढ़ाने के लिए फोर्स, डीएसी ने खरीदें (भारतीय-आईडीडीएम) श्रेणी के तहत एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टरों पर इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (ईडब्ल्यू) सुइट की खरीद और स्थापना के लिए एओएन प्रदान किया है, जो हेलीकॉप्टरों की बेहतर उत्तरजीविता को बढ़ाएगा। ईडब्ल्यू सुइट भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) से खरीदा जाएगा।

डीएसी ने मशीनीकृत पैदल सेना और बख्तरबंद रेजिमेंटों के लिए ग्राउंड-आधारित स्वायत्त प्रणाली की खरीद के लिए एओएन भी प्रदान किया है जो मानवरहित निगरानी, गोला-बारूद, ईंधन और पुर्जों की रसद डिलीवरी और युद्ध क्षेत्र में हताहतों की निकासी जैसे विभिन्न कार्यों को सक्षम करेगा।

7.62&51 मिमी लाइट मशीन गन (एलएमजी) और ब्रिज लेइंग टैंक (बीएलटी) की खरीद के प्रस्ताव को भी डीएसी द्वारा आगे बढ़ा दिया गया है। जहां एलएमजी के शामिल होने से पैदल सेना बलों की लडऩे की क्षमता में वृद्धि होगी, वहीं बीएलटी के शामिल होने से मशीनीकृत बलों की आवाजाही में तेजी आएगी। प्रोजेक्ट शक्ति के तहत भारतीय सेना के लिए मजबूत लैपटॉप और टैबलेट की खरीद के लिए एओएन भी प्रदान किया गया है। ये सभी खरीद केवल स्वदेशी विक्रेताओं से की जाएंगी। भारतीय नौसेना के रू॥-60क्र हेलीकॉप्टरों की परिचालन क्षमता को बढ़ाने के लिए, ष्ठ्रष्ट ने हथियारों की खरीद के लिए ्रशहृ प्रदान किया है।

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