दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के टनल बनाने का काम पूरा, 18 महीने से भी कम लगा वक्त

गाजियाबाद। एनसीआरटीसी (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम) ने आनंद विहार से साहिबाबाद के बीच दो किमी लंबे टनल को पूरा कर लिया है।

दरअसल, दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर की टनलिंग (सुरंग बनाने) का काम पूरा हो गया है। एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह ने रिमोट का बटन दबाकर टनल ब्रेकथ्रू की शुरुआत की। सफल ब्रेकथ्रू के साथ बोरिंग मशीन टनल निर्माण कार्य से बाहर निकल आई।

सुदर्शन 4.4 को आनंद विहार में निर्मित लॉन्चिंग शाफ्ट पर टनल बनाने के लिए उतारा गया था। यह अब वैशाली रिट्रीविंग शाफ्ट से बाहर निकल रहा है। आरआरटीएस कॉरिडोर की पूरी टनल बनाने के कार्य को 18 महीने से भी कम समय में पूरा किया गया है। देश के पहले आरआरटीएस कॉरिडोर के भूमिगत खंड की कुल 12 किमी की लंबाई में समानांतर टनल बोर करने के लिए कुल सात अत्याधुनिक सुदर्शन टनल बोरिंग मशीनों (टीबीएम) का उपयोग किया गया है।

कॉरिडोर का शेष 70 किमी लंबा भाग एलिवेटेड है। जिसके लिए लगभग 80 प्रतिशत वायाडक्ट बनाने का काम पूरा हो चुका है। आरआरटीएस टनल्स निर्माण के लिए 80,000 से अधिक प्री-कास्ट सेगमेंट का उपयोग किया गया है। इन उच्च परिशुद्धता वाले प्री-कास्ट टनल सेगमेंट्स को कडक़डड़ूमा, नई दिल्ली और शताब्दी नगर, मेरठ में स्थापित अत्याधुनिक कास्टिंग यार्ड में बनाया गया।

टनलिंग प्रक्रिया में सात सेग्मेंट्स जोडक़र एक टनल रिंग का निर्माण किया जाता है। इन सेग्मेंट्स और रिंग्स को बोल्ट्स की सहायता से जोड़ा जाता है। रैपिडएक्स टनलों का व्यास 6.5 मीटर है, जो 180 किमी प्रति घंटे की समान डिजाइन गति के साथ चौड़े एवं ऊंचे रोलिंग स्टॉक के लिए विश्व में निर्मित अन्य टनलों के वैश्विक बेंचमार्क की तुलना में काफी अनुकूलित है।
देश में अन्य रेल-आधारित शहरी सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों की तुलना में यह पहली बार है, जब इतने बड़े आकार की सुरंग का निर्माण किया जा रहा है।

दिल्ली में आनंद विहार भूमिगत रैपिडएक्स स्टेशन से दोनों ओर ट्रेनों के आने-जाने के लिए कुल 4 सुरंगों का निर्माण किया गया है। लगभग 3 किलोमीटर लंबी दो समानांतर सुरंग आनंद विहार स्टेशन को न्यू अशोक नगर स्टेशन से जोडऩे के लिए हैं।
जबकि, करीब 2 किलोमीटर लंबी समानांतर सुरंग आनंद विहार स्टेशन को साहिबाबाद स्टेशन से जोडऩे के लिए बनाई गई हैं।
एनसीआरटीसी ने आरआरटीएस कॉरिडोर के भूमिगत भाग के लिए टनल बनाने का कार्य फरवरी 2022 से आरंभ किया। जब टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) सुदर्शन 4.1 को आनंद विहार (नई दिल्ली) में लॉन्चिंग शाफ्ट में न्यू अशोक नगर स्टेशन की ओर टनल बनाने के लिए उतारा गया था।

इसके तुरंत बाद इसी दिशा में समानांतर सुरंग बनाने के लिए सुदर्शन 4.2 लॉन्च किया गया। समानांतर सुरंगें दिल्ली में किसी भी टनल बोरिंग मशीन से बनाई गई सबसे लंबी टनल हैं। यह करीब तीन किमी लंबी है। चौथे और आखिरी टीबीएम सुदर्शन 4.4 ने मंगलवार को टनल बनाने में सफलता हासिल कर ली है।

कॉरिडोर के भूमिगत भागों में टनल निर्माण पूरा होने के बाद ट्रैक बिछाने और ओएचई की स्थापना में तेजी आएगी। दिल्ली के आनंद विहार अंडरग्राउंड स्टेशन और मेरठ के बेगमपुल के अंडरग्राउंड स्टेशन से पहले ही इसकी शुरुआत हो चुकी है।
एनसीआरटीसी 2025 तक दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर को परिचालित करने के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए दिन-रात कार्य कर रहा है।

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