हेडफोन या ईयरफोन, जानिए दोनों के बीच का अंतर…समझ जाएंगे आपके लिए कौन सा है ज्यादा बेहतर


गैजेट फ्रेंडली इस जनरेशन में हर कोई लेटेस्ट गैजेट्स खरीदना चाहता है, चाहे लेटेस्ट फोन हो, ईयरफोन हो या हेडफोन हो आजकल अधिकतर लोग लेटेस्ट गैजेट्स का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कानों में लंबे समय तक ईयरफोन या हेडफोन लगाने से आपको कई नुकसान भी पहुंचा सकता है. ऐसे में अगर आपको ईयरफोन या हेडफोन का इस्तेमाल करना है तो इसमें से कौन सा बेहतर है और किससे आपके कानों को कम नुकसान पहुंचता है, आइए हम आपको बताते हैं.

ईयरफोन और हेडफोन में अंतर
सबसे पहले आपको बताते हैं कि ईयरफोन और हेडफोन में अंतर क्या होता है? ईयरफोन कान के अंदर पहने जाते हैं, यह वायरलेस हो सकते हैं या बाहर वायर होते हैं और आजकल तो ईयरपॉड्स का भी खूब चलन है, जिसे लोग कानों के अंदर पहनते हैं. वहीं, हेडफोन सिर के ऊपर से लगाए जाते हैं और यह पूरे कान को कवर करते हैं, लेकिन अंदर तक नहीं जाते हैं.

ईयरफोन बनाम हेडफोन क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
यूं तो ईयरफोन और हेडफोन दोनों ही कानों को नुकसान पहुंचाते हैं और अगर लंबे समय तक इन्हें पहनकर रखा जाए तो इससे नॉइस इंड्यूस्ड हियरिंग लॉस की समस्या भी हो सकती है. लेकिन एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि ईयरफोन को ईयर केनाल के अंदर डाला जाता है, ऐसे में वह कान में मौजूद वैक्स को गहराई में ढकेल सकता है जिससे कानों में ब्लॉकेज हो सकती है. दूसरा यह सीधे हमारे कानों के पर्दों को प्रभावित करता है, ऐसे में इसकी वॉल्यूम बढ़ाने से कान को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है. इतना ही नहीं ईयरफोन को पहनने से कान पूरी तरह से बंद हो जाते हैं जिससे नमी के कारण संक्रमण का खतरा भी बढ़ सकता है.

ईयरफोन या हेडफोन में से क्या पहने
ईयरफोन या हेडफोन में से हमें क्या पहनना चाहिए इसे लेकर एक्सपर्ट्स का मानना है कि कुछ समय के लिए ईयरफोन की जगह हेडफोन का इस्तेमाल किया जा सकता है, क्योंकि यह कानों के अंदर तक नहीं जाता है, जिससे नमी या नॉइस इंड्यूस्ड हियरिंग की समस्या नहीं होती है. हालांकि, हेडफोन का यूज करते समय इसकी वॉल्यूम अधिकतम 60 प्रतिशत तक ही होनी चाहिए. अगर आपके फोन या लैपटॉप में नॉइस कैंसिलेशन का ऑप्शन है, तो इसे भी आपको इस्तेमाल करना चाहिए.

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