आत्महत्या फैक्ट्री बनी कोटा : पांच घंटे के भीतर दो छात्रों ने की खुदकुशी, इस साल अब तक 22 छात्र दे चुके है जान

जयपुर। कोटा में परीक्षा में कम अंक आने पर एक ही दिन में पांच घंटे के भीतर दो छात्रों ने आत्महत्या कर ली। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कोटा में इस साल अब तक 22 छात्र अपनी जान दे चुके हैं। एएसपी भगवत सिंह हिंगड़ ने बताया कि दोपहर करीब तीन बजे रविवार को लातूर (महाराष्ट्र) निवासी आविष्कार संभाजी कासले (16) ने कोटा के एक कोचिंग इंस्टीट्यूट की छठी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। कासले तीन साल से शहर के तलवंडी इलाके में रह रहा था और वह राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) की तैयारी कर रहा था।

वह परीक्षा देने के लिए दिन में कोचिंग सेंटर आया था। दूसरी घटना में, बिहार के 18 वर्षीय आदर्श को रविवार शाम को शाम करीब 7 बजे अपने कमरे में फंदे से लटका हुआ पाया गया। आदर्श चार महीने से अपने भाई-बहन के साथ कोटा के कुन्हाड़ी इलाके में रह रहा था और नीट की तैयारी भी कर रहा था।

एएसपी ने बताया कि रविवार को परीक्षा देने के बाद आदर्श आया और सीधे अपने कमरे में चला गया। शाम करीब 7 बजे जब उसकी बहन उसे खाने के लिए बुलाने आई, तो उसने कोई जवाब नहीं दिया। इस पर बहन ने अपने दूसरे भाई को बताया और वे कुछ देर तक दरवाजा खटखटाते रहे। जब उन्होंने दरवाजा तोड़ा, तो आदर्श को फंदे पर लटका हुआ मिला। उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन बचाया नहीं जा सका।

पुलिस के मुताबिक शुरुआती जांच में पता चला है कि आदर्श को कोचिंग इंस्टीट्यूट के टेस्ट में लगातार कम नंबर मिल रहे थे। एएसपी ने कहा कि कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है और उसके कमरे की जांच की जाएगी। 12 अगस्त को कोटा कलेक्टर ओपी बुनकर ने गाइडलाइन जारी कर कोचिंग संचालकों और सेंटरों को निर्देश दिए थे कि रविवार को टेस्ट नहीं कराए जाएं। इसके बावजूद, रविवार को कराए गए टेस्ट के बाद दो दुखद घटनाएं हुईं।

बुनकर ने रविवार रात नया आदेश जारी किया। इसके तहत किसी भी कोचिंग संस्थान को दो महीने तक छात्रों के लिए परीक्षण आयोजित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस महीने में शिक्षा नगरी में इसके पहले ही चार आत्महत्याएं हो चुकी हैं।

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