अशासकीय शिक्षण संस्कृत शिक्षण संस्थाओं के प्रबन्धन एसोसिएशन सरकार की नीतियों के खिलाफ हुए मुखर

देहरादून। अशासकीय शिक्षण संस्कृत शिक्षण संस्थाओं के सभी प्रबन्धन एसोसिएशन सरकार की नीतियों के खिलाफ हुए मुखर हो गए हैं। उत्तराखंड राज्य के अशासकीय विद्यालय एवं संस्कृत महाविद्यालय-विद्यालय के प्रबंधकों की संयुक्त बैठक ऋषि राम कृष्ण महाराज जी की अध्यक्षता में निर्धन निकेतन आश्रम खड़खड़ी हरिद्वार में हुई। बैठक में विभिन्न प्रस्ताव पारित किए गए।

प्रबंधकों द्वारा विद्यालयों व महाविद्यालयों में जबरन थोपी गई प्रशासन योजना का एक स्वर में विरोध किया गया तथा शासन एवं सरकार द्वारा  विद्यालयों से मांगी गई प्रशासन योजना के स्थान पर पूर्व से जो विद्यालयों की पैतृक संस्था पंजीकरण-1860 सोसाइटी एक्ट के अनुसार ही संचालित हों  इसलिए इस महत्वपूर्ण बिंदु पर माननीय मुख्यमंत्री जी माननीय शिक्षा मंत्री जी एवं मुख्य सचिव से वार्ता की जाए। संस्कृत शिक्षा विभाग से वर्तमान सचिव को तत्काल हटाकर संस्कृत के हित में सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ कार्य करने वाले संस्कृत हितेषी सचिव की नियुक्ति हो जिसके लिए भी तत्काल एक डेलीगेट माननीय मुख्यमंत्री से मिलेगा।

सदन के द्वारा एक स्वर में प्रस्ताव पारित किया गया कि तत्काल सभी नियुक्तियों से प्रतिबंध हटा दिया जाए। शिक्षामंत्री के द्वारा समाचार पत्रों में दिए गए वक्तव्य कि, समस्त विद्यालयों का प्रांतीयकरण कर दिया जाए, समस्त नियुक्तियां आयोग के द्वारा की जाए या फिर  विद्यालय प्रबंधक स्वयं चलाएं उन्हें कोई भी अनुदान नहीं दिया जाएगा अध्यापकों का स्थानांतरण भी राजकीय शिक्षकों की भांति किया जाएगा उक्त सभी वक्तव्यों का घोर विरोध किया गया। चतुर्थ श्रेणी एवं कनिष्ठ सहायक की नियुक्तियां से तत्काल प्रतिबंध हटाया जाए तत्काल उनकी नियुक्ति की जाए। सभी अशासकीय विद्यालय तथा संस्कृत  विद्यालय -महाविद्यालय को अनुरक्षण अनुदान दिया जाए। सहायता प्राप्त विद्यालय प्रबंधक संगठन एवं संस्कृत विद्यालय -महाविद्यालय प्रबंधक संगठन एवं उत्तराखंड के प्रबंधकों का संयुक्त महासंघ गठन के किए जाने का सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया।

उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय परिनियमावली 2007 2009 एवं 2011 की धारा 7.4 के अनुसार उच्चशिक्षा की अर्हता पर वर्गीकृत महाविद्यालयों स्थाई नियुक्त  38 शिक्षकों को उच्चशिक्षा के सेवालाभ देने संबंधी बने शासनादेश को तत्काल जारी किया जाय। तथा संख्या -304 दिनांक 23 -10- 2023 तथा शासनादेश संख्या 292 दिनांक 16- अक्टूबर 2023 में किये गए एक पक्षीय वर्गीकरण को निरस्त किया जाय  संस्कृत विद्यालय एवं महाविद्यालयों को केवल माध्यमिक और महाविद्यालय दो स्तरों पर वर्गीकृत करते हुए सभी माध्यमिक विद्यालयों को इंटरमीडिएट स्तर के वित्तीय लाभ और महाविद्यालयों को महाविद्यालय स्तर के वित्तीय लाभ दिए जाय। संस्कृत विद्यालय-महाविद्यालयों में कार्यरत 155 तथा 126 प्रबंधकीय शिक्षकों को नियमानुसारध्योग्यतानुसार सापेक्ष पदों के अनुरूप समायोजन किया जाय।

बैठक में उदासीन अखाड़े से राघवेंद्र दास निर्धन निकेतन से ऋषि रामकृष्ण जी विमल नेगी अशोक जोशी, विमल नेगी डबराल, चन्द्र भूषण शुक्ल प्रदेश सर्वेश कुमार तिवारी राजेंद्र प्रसाद गैरोला राजेश प्रकाश टेबलियाल डॉक्टर नारायण शास्त्री डॉक्टर अतुल, दिगंबर प्रसाद जैन बाबू सिंह चैहान दीपक कुमार उपाध्याय कुलदीप सिंह संतोष चंद्रकांतवाल जितेंद्र डोबरियाल जगत राम डबराल दीपक पोखरियाल  चंद्र मोहन सिंह दयाल उमेश्वर सिंह रावत डॉक्टर राधेश्याम खंडूरी सहित कई गणमान्य लोक उपस्थित रहे।

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