एक साल में ही फल देने लगा रेडलम गाला सेब

बागेश्वर। तहसील के प्रगतीशील किसान के बगीचा एक साल में ही सेब से लदा हुआ है। उम्मीद से अधिक फल देख किसान भी गदगद है। किसान की मेहनत को देखने के लिए जिलाधिकारी गांव पहुंची और सेब तोड़ने के कार्यक्रम का शुभारंभ भी किया। उन्होंने कहा कि किसान के इस प्रयास से अन्य लोग लोग भी प्रेरित होंगे और खुद के अलावा अन्य लोगों को भी आत्मनिर्भर बनाएंगे।

सातरतबे क्षेत्र के गिवार्इ जमखितोला निवासी प्रगतिशील काश्तकार दरबान सिंह परिहार ने एक साल पहले सेब का बगीजा तैयार किया। उन्होंने पांच नाली भूमि में गाला, रेडलम गाला व एम-9 प्रजाति के 250 सेब के पौधे रोपे। एक साल के भीतर ही सभी पेड़ लहलहा उठे। जो काश्तकार की कल्पना से भी बहुत अधिक है। सेब के साथ ही किसान बंदगोभी का भी उत्पादन कर रहे हैं। तराई की तर्ज पर एक साथ दो फसल तैयार कर रहे हैं। इससे किसानों की आय दोगुनी करने की परिकल्पना भी साकार हो रही है। किसान की इस मेहनत को देखने के लिए जिलाधिकारी पाल पहुंची। उन्होंने जिला उद्यान अधिकारी को जनपद में सेब उत्पादन को और बढावा देने के निर्देश दिए। अन्य किसानों को प्रगतिशील सेब उत्पादकों के बगीचों का भ्रमण कराने को कहा, ताकि वे भी सेब उत्पादन के क्षेत्र में कार्य करने को प्रेरित हो सके।

जिला उद्यान अधिकारी आरके सिंह ने बताया कि परिहार ने प्रयोग के तौर पर गाला, रेडलम गाला व एम-9 प्रजाति के 250 सेब के पौध लगाए थे, जिनमें जबरदस्त उत्पादन हुआ है। बाजार में 150 से 180 तक सेब के दाम के हिसाब से काश्तकार को अधिक मुनाफा होगा। उन्होंने बताया कि काश्तकार इसके अतिरिक्त 20 नाली में 533 सेब पौध लगाए हैं, जो 80 प्रतिशत राज्य सहायता के तहत उपलब्ध कराए गए हैं। उन्होंने बताया कि काश्तकार को सेब बगीचा के विस्तारीकरण के लिए विभाग द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत 50 प्रतिशत अनुदान पर 500 सेब पौध उपलब्ध कराये जाएंगे।

परिहार ने बताया कि उन्होंने मार्च, 2022 में नवाचार के तहत पांच नाली में 250 सेब पौध लगाए। प्रथम बार ही अपेक्षा से अधिक बडा फल आने से वह काफी प्रोत्साहित है। उन्होंने बताया कि एक सेब लगभग 300 ग्राम से भी अधिक का है और एक पेड़ में 20 किलो के लगभग फल आया है। उन्होंने बताया कि उनका लक्ष्य 5000 सेब पौध का बगीचा तैयार करने का है।

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