चमोली। एक ओर सरकार लघु और मध्यम दर्जे के उद्योगों को प्रोत्साहन दे रही है। दूसरी तरफ चमोली जिले में उद्योग और इनके संस्थानों को कितनी सुविधा दे रही है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिले के औद्योगिक संस्थान कालेश्वर को जोड़ने वाली सड़क दो साल से क्षतिग्रस्त पड़ी है। नालियां टूटी पड़ी हैं। मलबा और पानी चारों ओर बिखर रहा है। उत्पादित सामग्री कैसे सड़क और बाजार तक पहुंचे। कच्चा माल कैसे औद्योगिक संस्थान तक आयेगा।
शुक्रवार को उद्यमियों ने जिला उद्योग मित्र की बैठक में प्रशासन के सामने इस परेशानी और स्थिति को रखा। तो उद्योगों को सहायता और प्रोत्साहन के दावों की कलई खुल गई। स्थिति को गम्भीरता से लेते हुए मुख्य विकास अधिकारी डा. ललित नारायण मिश्र ने एनएच और लोनिवि के अधिकारियों को जांच कर आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए। कहा जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक जिला उद्योग मित्र की बैठक कालेश्वर में ही आयोजित करेंगे।
मुख्य विकास अधिकारी डॉ ललित नारायण मिश्र की अध्यक्षता में जिला स्तरीय उद्योग मित्र समिति की बैठक में उद्यमियों की समस्याओं पर गहनता से चर्चा करते समस्याओं के त्वरित निस्तारण पर जोर दिया गया। बैठक में सभी उद्यमियों को एमएसएमई 2023 नीति की विस्तृत जानकारी दी गई। जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रंबधक चंचल सिंह बोहरा ने बताया कि एमएसएमई नीति के अन्तर्गत स्थापित इकाइयों को वित्तीय प्रोत्साहन के तहत 2 इकाइयों को कुल 2.80 लाख रुपये की धनराशि समिति द्वारा स्वीकृत की गई। शासन से बजट प्राप्त होने पर संबंधी इकाइयों को इसका भुगतान किया जाएगा।
बैठक में मुख्य कोषाधिकारी मामूर जहां, औद्योगिक आस्थान कालेश्वर के अध्यक्ष भरत सिंह रावत सहित अन्य उद्यमी एवं समिति के सदस्य उपस्थित थे।