बैराजों से छोड़ा गया ढाई लाख क्यूसेक पानी ने घाघरा, शारदा नदियों में मचाया तूफान

अपने ही आशियानों पर हथौड़ा चलाकर गिरा रहे ग्रामीण

रेउसा (सीतापुर)। हाल देखिए रेउसा क्षेत्र में ऐसी क्या मजबूरी जो अपने पूर्वजों के हाथों से बनाए गए घरों को आज हथौड़ा चलाकर तोड़ रहे हैं। घाघरा शारदा नदी का कटान चल रहा है। मंगलवार सुबह से हुई मूसलाधार बारिश एवं विभिन्न बैराजों से छोड़े गए 231880 क्यूसेक पानी से घाघरा, शारदा नदियों के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हुई है। नदियों के बढ़ते जलस्तर ने तटवर्ती क्षेत्र के बाशिंदों की मुश्किलें बढ़ा दीं हैं। क्षेत्र के गौढ़ी मजरा बजहा में घाघरा नदी बीते कई दिनों से कहर बरपाए हुए है। अब तक जहाँ रामनरेश, पिर्थी, मुलायम, नारायण, मैकू, विश्वम्भर, संबारी, श्यामलाल आदि के पक्के घर नदी के पेट में समा चुके हैं, साथ ही ग्राम पंचायत बजहा निवासियों सत्यप्रकाश मिश्रा, रामजीवन, रामदयाल, शिवकुमार, राजितराम, घनश्याम, सुरेश, शिवसागर, शिवभगवान, कमलेश आदि की आठ एकड़ से अधिक कृषि योग्य भूमि नदी की तेज धाराओं का शिकार हो चुकी है।

वहीं नदी द्वारा की जा रही कटान के मुहाने पर पहुंचे जवाहर, रामेश्वर, शत्रोहन, अवधेश, संतोष, रमेश, रामानन्द, कुलेराज, सिपाही, जगन्नाथ, रामकुमार, नन्हकू, रामसिंह, छत्रपाल आदि कई लोग अपने आशियाने स्वयं अपने हाथों तोड़ कर सुरक्षित स्थानों पर पलायन को विवश हैं।बुधवार को राजस्व निरीक्षक कुर्बान अली व लेखपाल मनीष कुमार राठौर ने प्रभावित गांव गौढ़ी पहुँच कर स्थिति का जायजा लिया और प्रभावित परिवारों का सर्वे कर सूचना उच्चाधिकारियों को प्रेषित करने की बात बताई।

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