शीतकालीन सत्र इस बार भी छोटा होगा


संसद का शीतकालीन सत्र इस बार भी छोटा होगा। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की वजह से सत्र को छोटा किया जा सकता है। आमतौर पर सत्र एक महीने का होता है। नवंबर के तीसरे हफ्ते में संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होता है और दिसंबर के तीसरे हफ्ते में खत्म होता है। लेकिन नवंबर में चुनाव चल रहे होंगे। पांच राज्यों के चुनाव नवंबर में ही हैं। मिजोरम में सात नवंबर को चुनाव है। मध्य प्रदेश में सभी 230 सीटों और छत्तीसगढ़ के दूसरे चरण की 70 सीटों पर 17 नवंबर को मतदान होगा। राजस्थान की सभी 200 सीटों पर 25 नवंबर को और तेलंगाना की सभी 119 सीटों पर 30 नवंबर को मतदान होगा। तीन दिसंबर को पांचों राज्यों में वोटों की गिनती होगी।
इस तरह नवंबर के अंत तक संसद का सत्र शुरू होने की संभावना नहीं है। तीन दिसंबर को वोटों की गिनती के दिन रविवार है। इसलिए ज्यादा संभावना चार दिसंबर से सत्र शुरू होने की है। बताया जा रहा है कि यह सत्र दो हफ्ते का हो सकता है। यानी 20 दिसंबर तक संसद सत्र समाप्त हो जाएगा। वैसे भी उसके बाद क्रिसमस वगैरह की छुट्टी हो जाती है। पिछले साल भी गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव थे, जिसकी वजह से शीतकालीन सत्र समय से शुरू नहीं होकर सात दिसंबर से शुरू हुआ। इसके अगले दिन आठ दिसंबर को दोनों राज्यों के नतीजे आए थे। सात दिसंबर को शुरू होकर सत्र 23 दिसंबर को समाप्त हो गया। यानी पिछले साल भी शीतकालीन सत्र दो हफ्ते ही चला था। ध्यान रहे इस बार शीतकालीन सत्र मौजूदा लोकसभा का आखिरी पूर्ण सत्र होगा। इसके बाद चुनाव से पहले बजट सत्र होगा लेकिन वह सिर्फ लेखानुदान के लिए होगा।

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