बागेश्वर की दिव्यांग खिलाड़ी मोहिनी कोरंगा को मिलेगा तीलू रौतेली पुरस्कार

बागेश्वर। बागेश्वर की बेटी मोहिनी कोरंगा का तीलू रौतेली पुरस्कार के लिए चयन हुआ है। आठ अगस्त को उन्हें देहरादून में पुरस्कार से नवाजा जाएगा। पुरस्कार के लिए दिव्यांग खिलाड़ी मोहिनी देहरादून रवाना हो गई हैं। उन्होंने गोला और चक्का फेंक में राष्ट्रीय और राज्य स्तर में दस गोल्ड मेडल जीते हैं।

मोहिनी कोरंगा का जन्म चार दिसंबर 1985 को ग्राम नौकोड़ी हरसिंग्याबगड़ कपकोट निवासी नैन सिंह कोरंगा और तुलसी के घर हुआ। मोहिनी का जीवन भी गांव की अन्य लड़कियों की तरह था। वह बेहतरीन खिलाड़ी थी, लेकिन दस साल की उम्र में वह गिर गई और उनका पैर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। 1996 में उनका दिल्ली में उत्तरखंड सेवा निधि के सहयोग उनका ऑपरेशन कराया। गोला और चक्का खेल में महारत रखने वाली मोहिनी ने कभी भी हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने 2017 में दिव्यांग खिलाड़ी के रूप में मैदान में वापसी की। तब से वह लगातार राष्ट्रीय तथा राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग ले रही हैं। 2023 तक उन्होंने 8राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में और 2राज्य स्तरीय खेल महाकुंभ में स्वर्ण पदक जीते हैं। चेन्नई, कर्नाटक, बंगलौर, देहरादून में अपना लोहा मनवा चुकी हैं। इसके अलावा सिटिंग वॉलीबॉल खेल में भी वह राज्य का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। इधर, सीडीओ आरसी तिवारी ने बताया कि मोहिनी को देहरादून जाने की सूचना दे दी है। आठ को यह सम्मान मिलेगा।

कोरोना के चलते नहीं जा पाई थाईलैंड: अपने खेल के बलबूते मोहिनी का चयन राष्ट्रीय टीम में हुआ था। इसके लिए उन्हें थाईलैंड जाना था, लेकिन 2020 में वैश्विक महामारी कोरोना के चलते टूर्नामेंट स्थगित हो गया और वह थाईलैंड नहीं जा सकी। अपने खेल के प्रति आज भी उनका समर्पण है। इन उपलब्धिों को देखते हुए सरकार ने उन्हें तीलू रौतेली पुरस्कार के लिए चुना है। इस वक्त मोहिनी जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र के तहत जिला चिकित्सालय बागेश्वर में तैनात है। इसी साल बीए फाइनल की परीक्षा दी है।

जानकी देवी को मिलेगा उत्कृष्ट आंगनबाड़ी पुरस्कार: नामतीचेटाबगड़ निवासी जानकी कोश्यारी को इस साल का आंगनबाड़ी उत्कृष्ट पुरस्कार मिलेगा। उन्हें भी देहरादून में यह पुरस्कार मिलेगा। जानकी ने अपने केंद्र में टीकाकरण, टीएचआर वितरण से लेकर गर्भवती महिलाओं को सरकार की योजना आदि का लाभ पहुंचाने में बेहतर कार्य किया। बीएलओ ड्यूटी भी उनकी बेहतरीन रही। युवा मतदाता जोड़ने से लेकर अन्य कार्य को उन्होंने बेहतरीन ढंग से किया। मानकों के आधार पर काम करने पर उन्हें इस पुरस्कार के लिए चुना गया है।

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