हम सनातन धर्म और राष्ट्रधर्म की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हो: रामदेव

हरिद्वार। योग गुरु स्वामी रामदेव ने कहा कि 2047 तक हम देशवासियों को ऐसा रोडमैप बनाना है, जिससे भारत विश्व की महाशक्ति बन सके। सब सनातन धर्म और राष्ट्रधर्म की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध रहें। रक्षा बंधन पर यह संकल्प लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि पतंजलि योगपीठ में सनातन धर्म की रक्षा के लिए जातिगत बंधन तोड़ उपनयन संस्कार कराया गया। यह इस बात का प्रतीक है कि सनातन धर्म में कोई भेदभाव नहीं है।

बुधवार को पतंजलि वैलनेस योगपीठ-दो के योगभवन सभागार में श्रावणी उपाकर्म, रक्षाबंधन पर्व पर रक्षासूत्र कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में पतंजलि परिवार की बहनों ने योगगुरु स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को रक्षासूत्र बांधे। पतंजलि के शैक्षणिक संस्थानों पतंजलि विश्वविद्यालय, पतंजलि गुरुकुलम और आचार्यकुलम के नव-प्रवेशित छात्र-छात्राओं का उपनयन संस्कार कराया गया।

स्वामी रामेदव ने कहा कि हमें सनातन के गौरव को अपने हृदय में संजोते हुए स्वर्णिम व परम वैभवशाली भारत गढ़ना है। हमने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंच कर कीर्तिमान स्थापित किया है। अब हमें शिक्षा, चिकित्सा, कृषि और उद्योग के क्षेत्र में पुरुषार्थ करना है।

आचार्य बालकृष्ण ने सभी देशवासियों को रक्षाबंधन की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हमारा देश पर्व-त्योहारों का देश है। श्रावणी उपाकर्म के रूप में देश में पतंजलि पहली संस्था है। जहां 1500 से ज्यादा बहन-बेटियों और बेटों का उपनयन संस्कार हो रहा है। आज देश के हर धर्म, जाति, मत-पंथ, समुदाय व क्षेत्र के भाई-बहन मौजूद हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *